इस वर्ष कार्तिक
कृष्ण अमावस्या गुरुवार दिनांक २३ अक्टूबर, २०१४ ई. को प्रदोष व्यापिनी अमावस्या होने
से इसी दिन दिपावली- लक्ष्मी पूजन किया जायेगा । लक्ष्मी पूजन प्रदोष युक्त अमावस्या
को स्थिर स्थिर नवांश में किया जाना सर्वश्रेष्ठ होता है ।
इस वर्ष लक्ष्मी
पूजन का समय निम्न प्रकार रहेगा-
(सभी विवरण
जयपुर के अक्षांश- रेखांश आधारित, अतः स्थानीय पंचांग से मिला लेना चाहिए।)
प्रदोष काल-
सायं ५:४८ से रात्रि ८:२१ बजे तक ।
वृष लग्न-
रात्रि ७:०७ से ९:०४ बजे तक ।
सिंह लग्न-
मध्यरात्रि बाद १:३७ से ३:५३ बजे तक ।
चौघड़िया मुहूर्त्त-
अमृत व चर के
चौघड़िये- सायं ५:४८ से रात्रि रात्रि ९:०० बजे तक ।
लाभ का- मध्यरात्रि
बाद १२:११ से १:४७ बजे तक ।
शुभ व अमृत
के- अंतरात ३:२३ से ६:३५ बजे तक ।
# सर्वश्रेष्ठ
समय रात्रि ७:१९ से ७:३२ बजे तक, जिसमें प्रदोषकाल, स्थिर वृष लग्न तथा कुंभ का स्थिर
नावांश भी रहेगा ।
भारतवर्ष के
कुछ अन्य महत्वपूर्ण स्थलों के दीपावली पूजन मुहूर्त्त:-
देश की राजनैतिक
राजधानी- दिल्ली
प्रदोष काल-
सायं ५:४१ से ८:१५ बजे तक ।
वृष लग्न-
रात्रि ६:५८ से ८:५३ बजे तक ।
सिंह लग्न-
मध्यरात्रि बाद १:३१ से ३:४९ बजे तक ।
अमृत व चर के
चौघड़िये- सायं ५:४१ से ८:५३ बजे तक ।
देश की व्यापारिक
राजधानी- मुम्बई
प्रदोष काल-
सायं ६:०८ से ८:३८ बजे तक ।
वृष लग्न-
रात्रि ७:३२ से ९:३० बजे तक ।
सिंह लग्न-
मध्यरात्रि बाद १:५८ से ४:०५ बजे तक ।
अमृत व चर के
चौघड़िये- सायं ६:०८ से ९:१६ बजे तक ।
गौड़ क्षेत्र-
कोलकाता
प्रदोष काल-
सायं ५:०१ से ७:३२ बजे तक ।
वृष लग्न-
रात्रि ६:२२ से ८:२० बजे तक ।
सिंह लग्न-
मध्यरात्रि बाद १२:५० से ३:०२ बजे तक ।
अमृत व चर के
चौघड़िये- सायं ५:०१ से ८:१० बजे तक ।
देश की आध्यात्मिक
राजधानी- काशी
प्रदोष काल-
सायं ५:२० से ७:५१ बजे तक ।
वृष लग्न-
रात्रि ६:३९ से ८:३८ बजे तक ।
सिंह लग्न-
मध्यरात्रि बाद १:०९ से ३:२३ बजे तक ।
अमृत व चर के
चौघड़िये- सायं ५:२० से ८:३० बजे तक ।
आप सभी को दीपावली की अग्रिम हार्दिक शुभकामनाएं... _/\_
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