श्रीकृष्ण जन्माष्टमी व्रत कब किया जाए 2 सितंबर अथवा 3 सितंबर ??
शास्त्र में श्री कृष्ण जन्माष्टमी व्रत के लिए निम्न व्यवस्था दी गई है-
भाद्रपद मास में अर्धरात्रि व्यापिनी अष्टमी तिथि को रोहिणी नक्षत्र में वृषभ लग्न में भगवान श्री कृष्ण का अवतार हुआ था,
इस वर्ष 2 सितंबर रविवार को सप्तमी तिथि व कृतिका नक्षत्र रात्रि 8:51 तक है, उसके पश्चात अष्टमी तिथि व रोहिणी नक्षत्र प्रारंभ हो जाएगा जो कि अगले दिन 3 सितंबर सोमवार को क्रमशः रात्रि 7:23 व 8:06 बजे समाप्त हो जाएंगे अर्थात 3 सितंबर की मध्यरात्रि को न तो अष्टमी तिथि रहेगी और ना ही रोहिणी नक्षत्र ही रहेगा,
ऐसी स्थिति में जन्माष्टमी का व्रत 2 सितंबर को मनाना ही शास्त्रोक्त है किंतु सप्तमी तिथि के स्पर्श का त्याग करने के नियम के कारण केवल वैष्णव संप्रदायी ही नवमी युक्त अष्टमी वाली जन्माष्टमी 3 सितंबर को मना सकते हैं,
शेष भगवत भक्तों को जन्माष्टमी का व्रत-पर्व 2 सितंबर को ही मनाना चाहिए।
जयपुर में सप्तमी अष्टमी तिथियों का विवरण निम्न प्रकार है
रविवार 2 सितंबर सप्तमी तिथि रात्रि 8:47 तक वह कृतिका नक्षत्र रात्रि 8:49 तक,
सोमवार 3 सितंबर अष्टमी तिथि रात्रि 7:20 तक रोहिणी नक्षत्र रात्रि 8:05 तक, पश्चात नवमी तिथि व मृगशिरा नक्षत्र प्रारंभ हो जाएगा।
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