॥ॐतत्सवितुरेण्यं॥
॥ॐश्रीगुरवेनमः॥
सम्मार्जनोपांजनेन सकेलोलेखनेन च।
गवां च परिवासिन भूमिः शुद्ध्यति पंचभिः॥
सम्मार्जन (झाड़ना), लीपना (गोबर आदि से), सींचना (गौमूत्र-गंगाजल आदि से), खोदना (ऊपर की मिट्टी खोदकर हटाना) और गायों को ठहराना (कम से कम एक दिन- रात), इन पांच कार्यों को करने से भूमि शुद्ध होती है।
॥हरिः ॐ तत्सत्॥
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